Javascript must be enabled to continue!
बदलते परिवेश में किशोरियों में पोषक तत्त्वों के अभाव में स्वास्थ्य पर पड़ने वाला प्रभाव का अध्ययन
View through CrossRef
पोषण मानव जीवन की आधारभूत आवश्यकता है। मानव जीवन में सर्वाधिक तेज गति से वृद्धि और विकास किशोरावस्था में होता है। यह अवस्था आमतौर पर 13 वर्ष से लेकर 19 वर्ष तक रहती है। इस दौरान किशोरियों में शारीरिक वृद्धि के साथ-साथ कई प्रकार के परिवर्तन होते हैं। पोषण उन प्रक्रियाओं का संयोजन है जिनके द्वारा कोई भी जीवित प्राणी भोज्य पदार्थों को प्राप्त कर पोषक तत्वों का उपयोग शारीरिक कार्यों को संपन्न करने के लिए, वृद्धि के लिए तथा इसके घटकों के पुननिर्माण के लिए करता है। पोषण का अभिप्राय उस शक्तिमान प्रक्रिया से है जिसमें लिए गए भोजन का उपयोग शरीर को पोषण प्रदान करने के लिए किया जाता है। किशोरावस्था में पोषण की कमी से कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। इस अध्ययन में किशोरियों के द्वारा प्रतिदिन लिए गए खाद्य पदार्थों की जानकारी लेकर, उनमें मौजूद पोषक तत्वों की माँग का आकलन किया गया है। दैनिक आहार में पोषक तत्वों की कमी तथा उसके कुप्रभावों का अध्ययन कर किशोरियों के स्वास्थ्य का आकलन किया गया है।
Granthaalayah Publications and Printers
Title: बदलते परिवेश में किशोरियों में पोषक तत्त्वों के अभाव में स्वास्थ्य पर पड़ने वाला प्रभाव का अध्ययन
Description:
पोषण मानव जीवन की आधारभूत आवश्यकता है। मानव जीवन में सर्वाधिक तेज गति से वृद्धि और विकास किशोरावस्था में होता है। यह अवस्था आमतौर पर 13 वर्ष से लेकर 19 वर्ष तक रहती है। इस दौरान किशोरियों में शारीरिक वृद्धि के साथ-साथ कई प्रकार के परिवर्तन होते हैं। पोषण उन प्रक्रियाओं का संयोजन है जिनके द्वारा कोई भी जीवित प्राणी भोज्य पदार्थों को प्राप्त कर पोषक तत्वों का उपयोग शारीरिक कार्यों को संपन्न करने के लिए, वृद्धि के लिए तथा इसके घटकों के पुननिर्माण के लिए करता है। पोषण का अभिप्राय उस शक्तिमान प्रक्रिया से है जिसमें लिए गए भोजन का उपयोग शरीर को पोषण प्रदान करने के लिए किया जाता है। किशोरावस्था में पोषण की कमी से कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। इस अध्ययन में किशोरियों के द्वारा प्रतिदिन लिए गए खाद्य पदार्थों की जानकारी लेकर, उनमें मौजूद पोषक तत्वों की माँग का आकलन किया गया है। दैनिक आहार में पोषक तत्वों की कमी तथा उसके कुप्रभावों का अध्ययन कर किशोरियों के स्वास्थ्य का आकलन किया गया है।.
Related Results
कृष्णा सोबती के उपन्यासों में चित्रित आर्थिक समस्याएँ
कृष्णा सोबती के उपन्यासों में चित्रित आर्थिक समस्याएँ
हिन्दी की सुविख्यात लेखिका कृष्णा सोबती जी ने अपने उपन्यासों में अधिकतर समाज के मध्यवर्ग को चित्रित किया है। जिसके अन्तर्गत उच्च मध्यवर्ग व मध्यवर्ग दोनों का ही समावेश है। मध्यवर्ग...
कृष्णा सोबती के उपन्यासों में चित्रित नैतिक समस्याएँ
कृष्णा सोबती के उपन्यासों में चित्रित नैतिक समस्याएँ
भारतीय साहित्य के परिदृश्य पर हिन्दी की सुविख्यात कथाकार कृष्णा सोबतीजी के उपन्यासों में चित्रित नैतिक समस्याओं पर प्रकाश डालने पर ज्ञात होता है। कृष्णाजी ने अपने उपन्यासों में उन ...
मंत्र योग और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का समन्वय
मंत्र योग और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का समन्वय
वर्तमान शोध पत्र में "मंत्र योग और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का समन्वय" पर प्रभाव का पता लगाया गया है। मंत्र योग प्राचीन भारतीय परंपरा का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो ध्वनि तरंगों और कंप...
ग्रामीण किशोरियों में मासिक धर्म के समय स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का आकलन, सीतामढ़ी जिला के पुपरी अंचल के ग्रामीण क्षेत्र के सन्दर्भ में
ग्रामीण किशोरियों में मासिक धर्म के समय स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का आकलन, सीतामढ़ी जिला के पुपरी अंचल के ग्रामीण क्षेत्र के सन्दर्भ में
विश्व की संस्कृति और सभ्यता गांवों में ही उदभूत हुई हैं वे गांव चाहे जहां के हों, अमेरिका, अफ्रीका, एशिया किसी भी महाद्वीप के क्यों न हों। हमारे कवियों ने भी 'अहा! ग्राम जीवन भी क्...
पं० जगन्नाथ के लोक साहित्य में सामाजिक मूल्य
पं० जगन्नाथ के लोक साहित्य में सामाजिक मूल्य
सामाजिक मूल्य वे सिद्धांत हैं जो किसी भी समाज में लोगों के व्यवहार और क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। ये मूल्य सामाजिक व्यवहार, संवेदनशीलता और पारस्परिक सम्मान पर आधारित होते हैं औ...
सरकारी एवं गैर-सरकारी विद्यालयों में माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत् छात्र एवं छात्राओं की कम्प्यूटर अभिवृत्ति का अध्ययन
सरकारी एवं गैर-सरकारी विद्यालयों में माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत् छात्र एवं छात्राओं की कम्प्यूटर अभिवृत्ति का अध्ययन
प्रस्तुत षोध अध्ययन में सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं की कम्प्यूटर अभिवृत्ति के संदर्भ में अध्ययन किया गया। षोध अध्ययन में ब्लाॅक न...
‘‘बदलते परिवेष में फैषन के प्रति युवतियों की जागरुकता का अध्ययन’’ मुजफ्फरपुर जिला के सन्दर्भ में।
‘‘बदलते परिवेष में फैषन के प्रति युवतियों की जागरुकता का अध्ययन’’ मुजफ्फरपुर जिला के सन्दर्भ में।
प्रस्तुत शोध ‘‘बदलते परिवेष में फैषन के प्रति युवतियों की जागरूकता का अध्ययन से संबंधित हैै। इसके लिए 18 से 25 वर्ष की 100 युवतियों का चयन किया गया है। इसमें साक्षात्कार एवं अनुसूच...
पं० जगन्नाथ के लोक साहित्य में भक्ति-भावना
पं० जगन्नाथ के लोक साहित्य में भक्ति-भावना
प्रस्तुत शोध सारांश कला का प्रतीक रूप में अध्ययन करता है तथा हार्वड गार्डनर नामक विद्वान द्वारा प्रस्तुत बालको की कला में प्रयुक्त प्रतीक तथा विभिन्न कलाकारों द्वारा उनकी कलाकृतियो...


